Saturday, March 25, 2017

SG Diary: Nostalgic

परदेस मैं रेह्ने के बाध...

नजाने क्यू... ख़याल आता है...
शायद यकीन हों रहा है...
की
येह दुनिया एक दुल्हन...
....
...
..
.
लेकिन
....
दुलहन के माथे की बिंदिया....
वो मेरा
.
.
.
इंडिया.....

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